सुन जिन वैन श्रवन सुख पायौ: Difference between revisions
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Latest revision as of 03:21, 16 February 2008
सुन जिन वैन, श्रवन सुख पायौ ।।टेक. ।।
नस्यौ तत्त्व दुर अभिनिवेश तम, स्याद उजास कहायौ ।
चिर विसर्यौ लह्यौ आतम रैन ।।१ ।।सुन. ।।
दह्यौ अनादि असंजम दवतैं, लहि व्रत सुधा सिरायौ ।
धीर धरी मन जीतन मन ।।२ ।।सुन. ।।
भये विभाव अभाव सकल अब, सकल रूप चित लायौ ।
दास लह्यौ अब अविचल जैन ।।३ ।।सुन. ।।