कांचनक: Difference between revisions
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । हरिवंशपुराण - 5.203-204