मुरजमध्य: Difference between revisions
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<p> एक व्रत । इसमें क्रमश: पाँच उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा और पाँच उपवास एक पारणा की जाती है । इस प्रकार इसमें अट्ठाईस उपवास और आठ पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.66 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक व्रत । इसमें क्रमश: पाँच उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा और पाँच उपवास एक पारणा की जाती है । इस प्रकार इसमें अट्ठाईस उपवास और आठ पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#66|हरिवंशपुराण - 34.66]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
एक व्रत । इसमें क्रमश: पाँच उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा और पाँच उपवास एक पारणा की जाती है । इस प्रकार इसमें अट्ठाईस उपवास और आठ पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.66