अप्रतिपक्षी प्रकृतियाँ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(6 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">पंचसंग्रह / प्राकृत/238</span> <p class=" PrakritText "> परघादुस्सासाणं आयावुज्जोवमाउ चत्तारि। तित्थयराहारदुयं एक्कारस होंति सेसाओ।238।</p> <p class="HindiText"> '''निष्प्रतिपक्ष प्रकृतियाँ''' — परघात, उच्छ्वास, आतप, उद्योत, चारों आयु, तीर्थंकर और आहारक द्विक ये ग्यारह अध्रुव निष्प्रतिपक्ष प्रकृतियाँ हैं।238। </p> | |||
[[Category:अ]] | |||
<p class="HindiText"> -देखें [[ प्रकृति बंध#2 | प्रकृति बंध - 2]]।</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ अप्रतिचक्रेश्वरी | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अप्रतिपत्ति | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 19:29, 24 December 2022
पंचसंग्रह / प्राकृत/238
परघादुस्सासाणं आयावुज्जोवमाउ चत्तारि। तित्थयराहारदुयं एक्कारस होंति सेसाओ।238।
निष्प्रतिपक्ष प्रकृतियाँ — परघात, उच्छ्वास, आतप, उद्योत, चारों आयु, तीर्थंकर और आहारक द्विक ये ग्यारह अध्रुव निष्प्रतिपक्ष प्रकृतियाँ हैं।238।
-देखें प्रकृति बंध - 2।