अतिस्थापना: Difference between revisions
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<span class="GRef"> लब्धिसार / जीवतत्त्व प्रदीपिका / मूल या टीका गाथा 56/87/12</span> <p class="SanskritText">अपकृष्टद्रव्यस्य निक्षेपस्थानं निक्षेपः, निक्षिप्यतेऽस्मिन्नित निर्वचनात्। तेनातिक्रम्यमाणं स्थानमतिस्थापनं, अतिस्थाप्यते अतिक्रम्यतेऽस्मिन्निति अतिस्थापनम्।</p> | |||
<p class="HindiText">= अपकर्षण किये गये द्रव्य का निक्षेपण स्थान, अर्थात् जिन निषेकों में उन्हें मिलाते हैं, वे निषेक निक्षेप कहलाते हैं, क्योंकि, जिसमें क्षेपण किया जाये सो निक्षेप है, ऐसा वचन है, उसके द्वारा अतिक्रमण या उल्लंघन किया जाने वाला स्थान, अर्थात् जिन निषेकों में नहीं मिलाते वे सब, अतिस्थापना हैं, क्योंकि `जिसमें अतिस्थापन या अतिक्रमण किया जाता है, सो '''अतिस्थापना''' है' ऐसा इसका अर्थ है।</p> | |||
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लब्धिसार / जीवतत्त्व प्रदीपिका / मूल या टीका गाथा 56/87/12
अपकृष्टद्रव्यस्य निक्षेपस्थानं निक्षेपः, निक्षिप्यतेऽस्मिन्नित निर्वचनात्। तेनातिक्रम्यमाणं स्थानमतिस्थापनं, अतिस्थाप्यते अतिक्रम्यतेऽस्मिन्निति अतिस्थापनम्।
= अपकर्षण किये गये द्रव्य का निक्षेपण स्थान, अर्थात् जिन निषेकों में उन्हें मिलाते हैं, वे निषेक निक्षेप कहलाते हैं, क्योंकि, जिसमें क्षेपण किया जाये सो निक्षेप है, ऐसा वचन है, उसके द्वारा अतिक्रमण या उल्लंघन किया जाने वाला स्थान, अर्थात् जिन निषेकों में नहीं मिलाते वे सब, अतिस्थापना हैं, क्योंकि `जिसमें अतिस्थापन या अतिक्रमण किया जाता है, सो अतिस्थापना है' ऐसा इसका अर्थ है।
- इस विषय को विस्तार से समझने के लिये देखें अपकर्षण ।