कुलवांता: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> शिखापद नगर की एक स्त्री । यह अत्यंत कुरूप और दरिद्र थी । समाज में उसका बड़ा तिरस्कार होता । मरने से एक मुहूर्त पूर्व उसके शुभमति का उदय हुआ । उसने अनशन व्रत लिया । मरकर वह स्वर्ग में क्षीरधारा नाम की एक किन्नर देवी हुई । वहाँ से च्युत होकर यह पुरुष पर्याय में आयी और इसका नाम सहस्रभाग हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13.55-60 </span> | <span class="HindiText"> शिखापद नगर की एक स्त्री । यह अत्यंत कुरूप और दरिद्र थी । समाज में उसका बड़ा तिरस्कार होता । मरने से एक मुहूर्त पूर्व उसके शुभमति का उदय हुआ । उसने अनशन व्रत लिया । मरकर वह स्वर्ग में क्षीरधारा नाम की एक किन्नर देवी हुई । वहाँ से च्युत होकर यह पुरुष पर्याय में आयी और इसका नाम सहस्रभाग हुआ ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_13#55|पद्मपुराण - 13.55-60]] </span> | ||
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Latest revision as of 22:20, 17 November 2023
शिखापद नगर की एक स्त्री । यह अत्यंत कुरूप और दरिद्र थी । समाज में उसका बड़ा तिरस्कार होता । मरने से एक मुहूर्त पूर्व उसके शुभमति का उदय हुआ । उसने अनशन व्रत लिया । मरकर वह स्वर्ग में क्षीरधारा नाम की एक किन्नर देवी हुई । वहाँ से च्युत होकर यह पुरुष पर्याय में आयी और इसका नाम सहस्रभाग हुआ । पद्मपुराण - 13.55-60