कौस्तुभ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 13: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<span class="HindiText"> (1) लक्ष्मण के सात रत्नों में एक रत्न । चक्रवर्ती भरत तथा कृष्ण के पास भी यह रत्न था । <span class="GRef"> महापुराण 26.65, 68.646-677, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 41.33 </span></br><span class="HindiText">(2) लवणसमुद्र में पूर्व दिशा के पाताल-विवर के एक ओर स्थित अर्धकुंभाकार रजत-पर्वत । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.460 </span></br> | <span class="HindiText"> (1) लक्ष्मण के सात रत्नों में एक रत्न । चक्रवर्ती भरत तथा कृष्ण के पास भी यह रत्न था । <span class="GRef"> महापुराण 26.65, 68.646-677, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_41#33|हरिवंशपुराण - 41.33]] </span></br><span class="HindiText">(2) लवणसमुद्र में पूर्व दिशा के पाताल-विवर के एक ओर स्थित अर्धकुंभाकार रजत-पर्वत । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#460|हरिवंशपुराण - 5.460]] </span></br> | ||
Line 24: | Line 24: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
लवण समुद्र में स्थित पर्वत–देखें लोक - 5.9।
पुराणकोष से
(1) लक्ष्मण के सात रत्नों में एक रत्न । चक्रवर्ती भरत तथा कृष्ण के पास भी यह रत्न था । महापुराण 26.65, 68.646-677, हरिवंशपुराण - 41.33
(2) लवणसमुद्र में पूर्व दिशा के पाताल-विवर के एक ओर स्थित अर्धकुंभाकार रजत-पर्वत । हरिवंशपुराण - 5.460