अरण्य: Difference between revisions
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<span class="GRef">नियमसार / तात्पर्यवृत्तिगाथा 58</span> <p class="SanskritText">मनुष्यसंचारशून्यं वनस्पतिजातवल्लीगुल्मप्रभृतिभिः परिपूर्ण मरण्यं।</p> | |||
<p class="HindiText">= मनुष्य संचार से शून्य वनस्पति, बेलों व वृक्षादि से परिपूर्ण अरण्य कहलाता है।</p> | <p class="HindiText">= मनुष्य संचार से शून्य वनस्पति, बेलों व वृक्षादि से परिपूर्ण अरण्य कहलाता है।</p> | ||
Latest revision as of 10:22, 27 December 2022
नियमसार / तात्पर्यवृत्तिगाथा 58
मनुष्यसंचारशून्यं वनस्पतिजातवल्लीगुल्मप्रभृतिभिः परिपूर्ण मरण्यं।
= मनुष्य संचार से शून्य वनस्पति, बेलों व वृक्षादि से परिपूर्ण अरण्य कहलाता है।