क्षीरसागर: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> क्षीर-समुद्र । इसके जल से इंद्र तीर्थंकरों का जन्माभिषेक करता है और दीक्षा के समय केशलोंच करने पर उनके केशों का इसी समुद्र मे क्षेपण करता है ।</span> <span class="GRef"> महापुराण 13. 110-112, 16.215, 73.131, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.42, 54,9.18, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 9.12 </span> | <span class="HindiText"> क्षीर-समुद्र । इसके जल से इंद्र तीर्थंकरों का जन्माभिषेक करता है और दीक्षा के समय केशलोंच करने पर उनके केशों का इसी समुद्र मे क्षेपण करता है ।</span> <span class="GRef"> महापुराण 13. 110-112, 16.215, 73.131, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#42|हरिवंशपुराण - 2.42]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#54|हरिवंशपुराण - 2.54]],9.18, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 9.12 </span> | ||
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
क्षीर-समुद्र । इसके जल से इंद्र तीर्थंकरों का जन्माभिषेक करता है और दीक्षा के समय केशलोंच करने पर उनके केशों का इसी समुद्र मे क्षेपण करता है । महापुराण 13. 110-112, 16.215, 73.131, हरिवंशपुराण - 2.42,हरिवंशपुराण - 2.54,9.18, वीरवर्द्धमान चरित्र 9.12