सत्यप्रवाद: Difference between revisions
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । हरिवंशपुराण 2.98,10.91