महेंद्रगिरि: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page महेन्द्रगिरि to महेन्द्रगिरि without leaving a redirect: RemoveZWNJChar) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के अन्त में महासागर के निकट आग्नेय दिशावर्ती दन्ती पर्वत राजा महेन्द्र द्वारा इस पर्वत पर महेन्द्रपुर नगर बसाये जाने तथा वहाँ निवास करने से दन्ती पर्वत इस नाम से कहा जाने लगा । पद्मपुराण 15.11-14</p> | <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के अन्त में महासागर के निकट आग्नेय दिशावर्ती दन्ती पर्वत राजा महेन्द्र द्वारा इस पर्वत पर महेन्द्रपुर नगर बसाये जाने तथा वहाँ निवास करने से दन्ती पर्वत इस नाम से कहा जाने लगा । <span class="GRef"> पद्मपुराण 15.11-14 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा वसुदेव और रानी गन्धर्वसेना के तीन पुत्रों में तीसरा पुत्र । यह वायुवेग और अमितगति का छोटा भाई था । हरिवंशपुराण 48.55 </p> | <p id="2">(2) राजा वसुदेव और रानी गन्धर्वसेना के तीन पुत्रों में तीसरा पुत्र । यह वायुवेग और अमितगति का छोटा भाई था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.55 </span></p> | ||
Line 6: | Line 6: | ||
[[ महेन्द्रकेतु | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ महेन्द्रकेतु | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ महेन्द्रजित् | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] |
Revision as of 21:45, 5 July 2020
(1) भरतक्षेत्र के अन्त में महासागर के निकट आग्नेय दिशावर्ती दन्ती पर्वत राजा महेन्द्र द्वारा इस पर्वत पर महेन्द्रपुर नगर बसाये जाने तथा वहाँ निवास करने से दन्ती पर्वत इस नाम से कहा जाने लगा । पद्मपुराण 15.11-14
(2) राजा वसुदेव और रानी गन्धर्वसेना के तीन पुत्रों में तीसरा पुत्र । यह वायुवेग और अमितगति का छोटा भाई था । हरिवंशपुराण 48.55