निगलनिदर्शन: Difference between revisions
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<p> जीव की | <p> जीव की कर्मबंधन की स्थिति को बतलाने के लिए बेड़ी से बंधे हुए व्यक्ति की उपमा जिस प्रकार बेड़ी से बँधा हुआ व्यक्ति अपने इष्ट स्थान पर नहीं पहुँच सकता उसी प्रकार कर्मबद्ध जीव भी अपने इष्ट स्थान पर नहीं पहुँच सकता । <span class="GRef"> महापुराण 42.76-78 </span></p> | ||
Revision as of 16:26, 19 August 2020
जीव की कर्मबंधन की स्थिति को बतलाने के लिए बेड़ी से बंधे हुए व्यक्ति की उपमा जिस प्रकार बेड़ी से बँधा हुआ व्यक्ति अपने इष्ट स्थान पर नहीं पहुँच सकता उसी प्रकार कर्मबद्ध जीव भी अपने इष्ट स्थान पर नहीं पहुँच सकता । महापुराण 42.76-78