महाकल्प: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
द्वादशांगश्रुतज्ञान का 11वाँ अंगबाह्य–देखें [[ श्रुतज्ञान#III | श्रुतज्ञान - III]]। | द्वादशांगश्रुतज्ञान का 11वाँ अंगबाह्य–देखें [[ श्रुतज्ञान#III | श्रुतज्ञान - III]]। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> अंगबाह्य प्रकीर्णक (श्रुतज्ञान) के चौदह भेदों में ग्यारहवाँ भेद । इसमें यति के द्रव्य, क्षेत्र तथा काल के योग्य कार्यों का वर्णन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.104, 10. 125, 136 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अंगबाह्य प्रकीर्णक (श्रुतज्ञान) के चौदह भेदों में ग्यारहवाँ भेद । इसमें यति के द्रव्य, क्षेत्र तथा काल के योग्य कार्यों का वर्णन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.104, 10. 125, 136 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
द्वादशांगश्रुतज्ञान का 11वाँ अंगबाह्य–देखें श्रुतज्ञान - III।
पुराणकोष से
अंगबाह्य प्रकीर्णक (श्रुतज्ञान) के चौदह भेदों में ग्यारहवाँ भेद । इसमें यति के द्रव्य, क्षेत्र तथा काल के योग्य कार्यों का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.104, 10. 125, 136