लोहित: Difference between revisions
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<li> लवण समुद्रस्थ दिक् पर्वत का स्वामी देव−देखें [[ लोक#5.9 | लोक - 5.9]]। </li> | <li> लवण समुद्रस्थ दिक् पर्वत का स्वामी देव−देखें [[ लोक#5.9 | लोक - 5.9]]। </li> | ||
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<p> पांडुकवन का एक भवन । इसकी चौड़ाई पंद्रह योजन, ऊँचाई पच्चीस योजन और परिधि पैतालीस योजन है । यहाँँ सोम लोकपाल का निवास है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.316, 322 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पांडुकवन का एक भवन । इसकी चौड़ाई पंद्रह योजन, ऊँचाई पच्चीस योजन और परिधि पैतालीस योजन है । यहाँँ सोम लोकपाल का निवास है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.316, 322 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- लवण समुद्रस्थ दिक् पर्वत का स्वामी देव−देखें लोक - 5.9।
- सौधर्मस्वर्ग का 24वाँ पटल व इंद्रक−देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
पांडुकवन का एक भवन । इसकी चौड़ाई पंद्रह योजन, ऊँचाई पच्चीस योजन और परिधि पैतालीस योजन है । यहाँँ सोम लोकपाल का निवास है । हरिवंशपुराण 5.316, 322