मेघरव: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Jagrti jain (talk | contribs) mNo edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक पर्वत । यहाँ एक स्वच्छ जल से भरी वापी थी । दशानन और मंदोदरी दोनों यहाँ आये थे । उन्होंने इस पर्वत की वापी में छ: हजार कन्याओं को | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक पर्वत । यहाँ एक स्वच्छ जल से भरी वापी थी । दशानन और मंदोदरी दोनों यहाँ आये थे । उन्होंने इस पर्वत की वापी में छ: हजार कन्याओं को क्रीड़ारत देखा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 8.90-95 </span></p> | ||
<p id="2">(2) विंध्यवन का एक तीर्थ । इंद्रजित् और मेघनाद के तप करने से यह इस नाम से विख्यात हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 80.136 </span></p> | <p id="2">(2) विंध्यवन का एक तीर्थ । इंद्रजित् और मेघनाद के तप करने से यह इस नाम से विख्यात हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 80.136 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Revision as of 12:36, 29 December 2022
(1) एक पर्वत । यहाँ एक स्वच्छ जल से भरी वापी थी । दशानन और मंदोदरी दोनों यहाँ आये थे । उन्होंने इस पर्वत की वापी में छ: हजार कन्याओं को क्रीड़ारत देखा था । पद्मपुराण 8.90-95
(2) विंध्यवन का एक तीर्थ । इंद्रजित् और मेघनाद के तप करने से यह इस नाम से विख्यात हुआ । पद्मपुराण 80.136