सविपाकनिर्जरा: Difference between revisions
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Revision as of 16:43, 12 July 2023
निर्जरा का पहला भेद । संसारी-प्राणियों की स्वभावत: होने वाली कर्मनिर्जरा सविपाक निर्जरा कहलाती है । इस निर्जरा काल में नवीन बंध भी होता रहता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11.82