प्रश्न: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> <span class="GRef"> सप्तभंगीतरंगिणी/4/9 </span><span class="SanskritText">प्राश्निकनिष्ठजिज्ञासाप्रतिपादकं वाक्यं हि प्रश्न इत्युच्यते ।</span> = <span class="HindiText">प्रश्नकर्ता के पदार्थ को जानने की जो इच्छा है, उस इच्छा के प्रतिपादक जो वाक्य हैं, उनको ही प्रश्न कहते हैं । </span></li> | <li> <span class="GRef"> सप्तभंगीतरंगिणी/4/9 </span><span class="SanskritText">प्राश्निकनिष्ठजिज्ञासाप्रतिपादकं वाक्यं हि प्रश्न इत्युच्यते ।</span> = <span class="HindiText">प्रश्नकर्ता के पदार्थ को जानने की जो इच्छा है, उस इच्छा के प्रतिपादक जो वाक्य हैं, उनको ही '''प्रश्न''' कहते हैं । </span></li> | ||
<li> Problem | <li> Problem <span class="GRef"> (धवला 5/प्र./28) </span> </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Latest revision as of 10:52, 4 September 2022
- सप्तभंगीतरंगिणी/4/9 प्राश्निकनिष्ठजिज्ञासाप्रतिपादकं वाक्यं हि प्रश्न इत्युच्यते । = प्रश्नकर्ता के पदार्थ को जानने की जो इच्छा है, उस इच्छा के प्रतिपादक जो वाक्य हैं, उनको ही प्रश्न कहते हैं ।
- Problem (धवला 5/प्र./28)