अकर्तृत्वनय: Difference between revisions
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Revision as of 13:58, 1 November 2022
-एक नय
(प्र.सा./त.प्र./परि./नय नं.)
अकर्तृनयेन स्वकर्मप्रवृत्तरञ्जकाध्यक्षवत्केवलमेव साक्षि।३९।
आत्मद्रव्य अकर्तृनय से केवल साक्षी ही है, अपने कार्य में प्रवृत्त रंगरेज को देखने वाले पुरुष की भांति। - देखें नय - I.5।