अभेद्यत्व: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> मुक्त जीव का गुण । यह कर्ममल के नष्ट होने से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन होने पर प्रकट होता है । महापुराण 42. 102 देखें [[ मुक्त ]]</p> | <p> मुक्त जीव का गुण । यह कर्ममल के नष्ट होने से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन होने पर प्रकट होता है । <span class="GRef"> महापुराण 42. 102 </span>देखें [[ मुक्त ]]</p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ अभेद्य | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ अभेद्य | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ अभोक्तृत्व नय | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] |
Revision as of 21:37, 5 July 2020
मुक्त जीव का गुण । यह कर्ममल के नष्ट होने से जीव के प्रदेशों का घनाकार परिणमन होने पर प्रकट होता है । महापुराण 42. 102 देखें मुक्त