प्रमाण संग्रह: Difference between revisions
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आ. अकलंक भट्ट (ई. 620-680) रचित न्याय विषयक यह ग्रन्थ बहुत जटिल है । संस्कृत गद्य व पद्य निबद्ध है, तथा इनकी अन्तिम कृति है । इस पर आ. अनन्तवीर्य (ई. 975-1025) कृत प्रमाण संग्रहालंकार नाम की एक संस्कृत टीका उपलब्ध है । इसमें 9 प्रस्ताव तथा कुल 87 1/2 कारिकाएँ हैं । स्वयं - अकलंक देवने इन कारिकाओं पर एक विवृत्ति लिखी है । दोनों का मिलकर कुल गद्य व पद्य प्रमाण 800 श्लोक प्रमाण है । | |||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
आ. अकलंक भट्ट (ई. 620-680) रचित न्याय विषयक यह ग्रन्थ बहुत जटिल है । संस्कृत गद्य व पद्य निबद्ध है, तथा इनकी अन्तिम कृति है । इस पर आ. अनन्तवीर्य (ई. 975-1025) कृत प्रमाण संग्रहालंकार नाम की एक संस्कृत टीका उपलब्ध है । इसमें 9 प्रस्ताव तथा कुल 87 1/2 कारिकाएँ हैं । स्वयं - अकलंक देवने इन कारिकाओं पर एक विवृत्ति लिखी है । दोनों का मिलकर कुल गद्य व पद्य प्रमाण 800 श्लोक प्रमाण है ।