मृषानंद: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> रौद्रध्यान का दूसरा भेद । झूठ बोलने में | <p> रौद्रध्यान का दूसरा भेद । झूठ बोलने में आनंद मनाना मृषानंद कहलाता है । कठोर वचन आदि इसके बाह्य चिह्न हैं । <span class="GRef"> महापुराण 21. 50, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 56.21, 23 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ मृदुमति | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ मृषानंदी रौद्रध्यान | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] |
Revision as of 16:33, 19 August 2020
रौद्रध्यान का दूसरा भेद । झूठ बोलने में आनंद मनाना मृषानंद कहलाता है । कठोर वचन आदि इसके बाह्य चिह्न हैं । महापुराण 21. 50, हरिवंशपुराण 56.21, 23