पद्मलता: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) पुष्करवरद्बीप के सरित् देश में स्थित वीतशोकपुर के राजा चंद्रध्वज और कनकमालिनी की पुत्री । इसने गणिनी अमितसेना के पास संयम धारण किया और मरकर स्वर्ग में देव हुई । <span class="GRef"> महापुराण 62.365 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) पुष्करवरद्बीप के सरित् देश में स्थित वीतशोकपुर के राजा चंद्रध्वज और कनकमालिनी की पुत्री । इसने गणिनी अमितसेना के पास संयम धारण किया और मरकर स्वर्ग में देव हुई । <span class="GRef"> महापुराण 62.365 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पलाश द्वीप में स्थित पलाशनगर के राजा महाबल और उसकी रानी कांचनलता की पुत्री । इसका राजश्रेष्ठी नागदत्त से विवाह हुआ । अनेक उपवास करती हुई मरण करके यह स्वर्ग गयी और वहाँ से च्युत होकर चंदना हुई । <span class="GRef"> महापुराण 75. 79-98, 118, 133-134, 153-154, 170 </span></p> | <p id="2">(2) पलाश द्वीप में स्थित पलाशनगर के राजा महाबल और उसकी रानी कांचनलता की पुत्री । इसका राजश्रेष्ठी नागदत्त से विवाह हुआ । अनेक उपवास करती हुई मरण करके यह स्वर्ग गयी और वहाँ से च्युत होकर चंदना हुई । <span class="GRef"> महापुराण 75. 79-98, 118, 133-134, 153-154, 170 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
(1) पुष्करवरद्बीप के सरित् देश में स्थित वीतशोकपुर के राजा चंद्रध्वज और कनकमालिनी की पुत्री । इसने गणिनी अमितसेना के पास संयम धारण किया और मरकर स्वर्ग में देव हुई । महापुराण 62.365
(2) पलाश द्वीप में स्थित पलाशनगर के राजा महाबल और उसकी रानी कांचनलता की पुत्री । इसका राजश्रेष्ठी नागदत्त से विवाह हुआ । अनेक उपवास करती हुई मरण करके यह स्वर्ग गयी और वहाँ से च्युत होकर चंदना हुई । महापुराण 75. 79-98, 118, 133-134, 153-154, 170