अध्यात्मकमलमार्तंड
From जैनकोष
पं. राजमल्लजी (वि. १६३२-१६५०) द्वारा रचित संस्कृत छन्द बद्ध आध्यात्मिक ग्रन्थ।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/८१)।
पं. राजमल्लजी (वि. १६३२-१६५०) द्वारा रचित संस्कृत छन्द बद्ध आध्यात्मिक ग्रन्थ।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/८१)।