अन्ध्रकरूढि
From जैनकोष
वानरवंशी राजा प्रतिचन्द्र का कनिष्ठ पुत्र, किष्किन्ध का अनुज । इसके पिता ने किष्किन्ध को राज्यलक्ष्मी और इसे युवराज पद देकर निर्ग्रन्थ दीक्षा धारण की थी । आदित्यपुर के राजा विद्या—मन्दर की पुत्री श्रीमाल ने अपने स्वयंवर मे रथनूपुर के राजपुत्र विजयसिंह को वरमाला न पहिना कर किष्किन्ध के गले में माला डाली थी । श्रीमाला के लिए विजयसिंह ने युद्ध किया था किन्तु इसने उसे युद्ध में मार डाला था, तथा विजयसिंह के पिता अशनिवेग द्वारा यह भी मार डाला गया था । इसका संक्षिप्त नाम अन्धक था । पद्मपुराण 1.56-57, 6.322-359, 425-465