सुरेंद्रता
From जैनकोष
लोक में उत्कृष्ट माने गये सप्त परमस्थानों में चतुर्थ स्थान । पारिव्राज्य के फलस्वरूप सुरेन्द्र पद का मिलना सुरेन्द्रता है । महापुराण 38.67, 39.201
लोक में उत्कृष्ट माने गये सप्त परमस्थानों में चतुर्थ स्थान । पारिव्राज्य के फलस्वरूप सुरेन्द्र पद का मिलना सुरेन्द्रता है । महापुराण 38.67, 39.201