उच्चारणाचार्य
From जैनकोष
आपने यतिवृषभाचार्य कृत कषाय प्राभृत के चूर्णि सूत्रों पर विस्तृत उच्चारणवृत्ति लिखी थी। अतः यतिवृषभाचार्य के अनुसार आपका समय लगभग ई. श. 2 तथा 3 के मध्य कहीं होना चाहिए। ( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/95)।