चूर्णोपजीवन
From जैनकोष
वस्तिका का एक दोष
भगवती आराधना / विजयोदया टीका 230/444/6 उत्पादनदोषा निरूप्यंते - .....विद्यया, मंत्रेण, चूर्ण प्रयोगेण वा गृहिणं वशे स्थापयित्वा लब्धा । ..... । उत्पादनाख्योऽभिहितो दोषः षोडशप्रकारः ।
..... विद्या, मंत्र अथवा चूर्ण प्रयोग से गृहस्थ को अपने वशकर वसतिका की प्राप्ति कर लेना विद्यादि दोष हैं ।....
अधिक जानकारी के लिये देखें वस्तिका ।