देववर
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
मध्यलोक के अंत में तृतीय सागर व द्वीप–देखें लोक - 5.1।
पुराणकोष से
मन: शिल आदि अंतिम सोलह द्वीपों मे चौदहवां द्वीप । यह देववर-सागर से घिरा हुआ है । हरिवंशपुराण 5.625-626
मध्यलोक के अंत में तृतीय सागर व द्वीप–देखें लोक - 5.1।
मन: शिल आदि अंतिम सोलह द्वीपों मे चौदहवां द्वीप । यह देववर-सागर से घिरा हुआ है । हरिवंशपुराण 5.625-626