कुंडलवर
From जैनकोष
< मध्यलोक का ग्यारहवाँ द्वीप एवं सागर । यह सागर इस द्वीप को घेरे हुए है । इस द्वीप के मध्य में कुंडलगिरि पर्वत है । हरिवंशपुराण 5.618, 686 देखें कुंडलगिरि <
< मध्यलोक का ग्यारहवाँ द्वीप एवं सागर । यह सागर इस द्वीप को घेरे हुए है । इस द्वीप के मध्य में कुंडलगिरि पर्वत है । हरिवंशपुराण 5.618, 686 देखें कुंडलगिरि <