कालपरिवर्तन
From जैनकोष
द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव कौर भाव इन पांच परिवर्तनों में एक परिवर्तन । उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी के विभिन्न कालांशों में सांसारिक जीवों का निरंतर जन्म-मरण होता रहता है । यही काल-परिवर्तन है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 30
द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव कौर भाव इन पांच परिवर्तनों में एक परिवर्तन । उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी के विभिन्न कालांशों में सांसारिक जीवों का निरंतर जन्म-मरण होता रहता है । यही काल-परिवर्तन है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 30