पद्मनाभ
From जैनकोष
पूर्व घातकीखंड में मंगलावती देश के रत्नसंचय नगर के राजा कनकप्रभ के पुत्र । इनकी सोमप्रभ आदि अनेक रानियाँ रचा सुवर्णनाभ आदि अनेक पुत्र थे । अंत में इन्होंने पुत्र सुवर्णनाभ को राज्य देकर दीक्षा ले ली तथा सिंहनिष्क्रीडित तप तपकर सम्यक् आराधना करते हुए समाधि पूर्वक शरीर त्यागा । ये वैजयंत विमान में तैंतीस सागर की आयु के धारक अहमिंद्र हुए । इस स्वर्ग से च्युत होकर ये तीर्थंकर चंद्रप्रभ हुए । महापुराण 54. 130-173
(2) तीर्थंकर मुनिसुव्रत के तीर्थ में उत्पन्न भोगपुर नगर का इक्ष्वाकुवंशी राजा । यह चक्रवर्ती हरिषेण का पिता था । महापुराण 67. 61-64
(3) भावी तीर्थंकर राजा पद्मसेन का पुत्र । महापुराण 59.8
(4) काशी देश की वाराणसी नगरी का राजा । यह तीर्थंकर मल्लिनाथ के तीर्थकाल में हुए चक्रवर्ती पद्म का पिता था । महापुराण 66.67 76-79
(5) दशरथ पुत्र राम का अपरनाम । पद्मपुराण 58.24, 81. 54,63
(6) पूर्व घातकीखंड के भरतक्षेत्र की अमरकंकापुरी का राजा । हरिवंशपुराण 54.8, पांडवपुराण 21.28-29