(भारतीय इतिहास १/२८६) - अपर नाम जनक था - अतः देखे जनक । राजुलके पिता - दे. बृहत् जैन शब्दार्णव द्वितीय खंड।
महापुराण सर्ग श्लो. मथुराका राजा व कंसका पिता था।३३-२३। पूर्वभवके वैरसे कंसने इनको जेलमें डाल दिया था। २५-२६। कृष्ण-द्वारा कंसके मारे जानेपर पुनः इनको राज्यकी प्राप्ति हो गयी ।३६-५१।