स्त्रीप्राक्स्मृतिवर्जन
From जैनकोष
ब्रह्मचर्यव्रत की चौथी भावना-पूर्व में भोगे गये स्त्री सम्बन्धी भोगों के स्मरण का त्याग । महापुराण 20. 159, 164
ब्रह्मचर्यव्रत की चौथी भावना-पूर्व में भोगे गये स्त्री सम्बन्धी भोगों के स्मरण का त्याग । महापुराण 20. 159, 164