विशाख
From जैनकोष
(1) ग्यारह अंग और दशपूर्व के ज्ञाता ग्यारह मुनियों में प्रथम मुनि । महापुराण 2. 143-145 हरिवंशपुराण 1. 62, पांडवपुराण 1. 13, वीरवर्द्धमान चरित्र 1.45-47
(2) तीर्थङ्कर मल्लिनाथ के प्रथम गणधर । महापुराण 66.50
(3) साकेत का नृप । इसने अनन्तनाथ तीर्थंकर को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 60.33-34