सूपर्क
From जैनकोष
वसुदेव का वैरी । यह वसुदेव को हरकर आकाश में ले गया था । वसुदेव ने इसे मुक्कों से इतना अधिक पीटा था कि मार से दु:खी होकर इसे वसुदेव को आकाश में ही छोड़ देना पड़ा था । वसुदेव आकाश से गोदावरी के कुण्ड में गिरा था । इसके पूर्व भी अश्व का रूप धारण करके यह वसुदेव को हर ले गया था तथा उसे इसने आकाश से नीचे गिराया था । हरिवंशपुराण 30. 42, 31. 1-2