कुंड
From जैनकोष
प्रत्येक क्षेत्र में दो दो कुण्ड हैं जिनमें कि पर्वत से निकलकर नदियाँ पहले उन कुण्डों में गिरती हैं। पीछे उन कुण्डों में से निकलकर क्षेत्रों में बहती हैं। प्रत्येक कुण्ड में एक एक द्वीप है।– देखें - लोक / ३ / १०
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