इंद्रक निगोद
From जैनकोष
नरकों के इंद्रक बिल । ये सभी तिकोने तथा तीन द्वारों से युक्त होते हैं । इनके सिवाय श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक निगोदों में कितने ही बिल दो द्वारों से युक्त और दुकोने, कितने ही तीन द्वारों से युक्त और तिकोने, कितने हो पाँच द्वारों से युक्त और पचकोने और कितने ही सात द्वारों से युक्त तथा सतकोने होते हैं । हरिवंशपुराण - 4.352