विशल्या
From जैनकोष
प.पु./६४/श्लो.नं. राजा द्रोणमेध की पुत्री थी।९६। पूर्वभव के कठिन तप के प्रभाव से उसके सनन जल में सर्वरोग शान्त करने की शक्ति थी।९८। रावण की शक्ति के प्रहार से मूर्च्छित लक्ष्मण को इसी ने जीवन दिया था।३७-३८। इसका विवाह भी लक्ष्मण से हुआ था।८०।