उच्छादन
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ६/२५/३३९/१३ प्रतिबन्धकहेतुसंनिधाने सति अनुद्भूतवृत्तिता अनाविर्भाव उच्छादनम्।
= रोकनेवाले कारणोंके रहनेपर प्रकट नहीं करनेकी वृत्ति होना उच्छादन है।
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ६/२५/३३९/१३ प्रतिबन्धकहेतुसंनिधाने सति अनुद्भूतवृत्तिता अनाविर्भाव उच्छादनम्।
= रोकनेवाले कारणोंके रहनेपर प्रकट नहीं करनेकी वृत्ति होना उच्छादन है।