सुरेंद्रजाल
From जैनकोष
एक विद्या । प्रद्युम्न को यह विद्या उपकार करने के फलस्वरूप एक विद्याधर से प्राप्त हुई थी । महापुराण 72.112-115
एक विद्या । प्रद्युम्न को यह विद्या उपकार करने के फलस्वरूप एक विद्याधर से प्राप्त हुई थी । महापुराण 72.112-115