नि:कृतिवाक्य
From जैनकोष
सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषा का आठवाँ भेद यह ऐसी भाषा है जिससे दूसरों को प्रवंचित किया जाता है । हरिवंशपुराण 10. 95
सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषा का आठवाँ भेद यह ऐसी भाषा है जिससे दूसरों को प्रवंचित किया जाता है । हरिवंशपुराण 10. 95