प्रमेय
From जैनकोष
स्याद्वादमंजरी/10/110/26 द्रव्यपर्यायात्मकं वस्तु प्रमेयम्, इति तु समीचीनं लक्षणं सर्वसंग्राहकत्वात् । = द्रव्य-पर्यायरूप वस्तु ही प्रमेय है। यही प्रमेय का लक्षण सर्व संग्राहक होने से समीचीन है ।
न्यायदर्शन सूत्र/ वृ.1/11 योऽर्थः प्रमीयते तत्प्रमेयं । =जो वस्तु जाँची जावे उसे प्रमेय कहते हैं ।