सहजानंद वर्णीजी साहित्य: Difference between revisions
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अध्यात्मयोगी न्यायतीर्थ परम पूज्य श्री 105 क्षु. मनोहरजी वर्णी सहजानंद महाराज ने लगभग 500 ग्रंथो की रचना की| श्री सहजानंद शास्त्रमाला, प्रवचन प्रकाशनी संस्था की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई| उत्तर प्रांतीय गुरुकुल हस्तिनापुर की स्थापना व अन्य अनेक शिक्षण संस्थाओं के स्थापना के आप प्रणेता हैं. | अध्यात्मयोगी न्यायतीर्थ परम पूज्य श्री 105 क्षु. मनोहरजी वर्णी सहजानंद महाराज ने लगभग 500 ग्रंथो की रचना की| श्री सहजानंद शास्त्रमाला, प्रवचन प्रकाशनी संस्था की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई| उत्तर प्रांतीय गुरुकुल हस्तिनापुर की स्थापना व अन्य अनेक शिक्षण संस्थाओं के स्थापना के आप प्रणेता हैं. | ||
हमारा ये प्रयास है कि उनके द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने वाले अमर ग्रंथों को इन्टरनेट के माध्यम से सर्व समाज के लिए उपलब्ध कराएँ जिससे की सभी पाठक अपने जीवन स्तर को उच्च बना सकें. इसी दिशा में यहाँ उनके द्वारा रचित साहित्य को आधुनिक डिजिटल फॉर्मेट में प्रस्तुत कीया जा रहा है| आप स्वयं इन ग्रंथों का लाभ लें एवं अन्य को भी अध्ययन की प्रेरणा करें| | हमारा ये प्रयास है कि उनके द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने वाले अमर ग्रंथों को इन्टरनेट के माध्यम से सर्व समाज के लिए उपलब्ध कराएँ जिससे की सभी पाठक अपने जीवन स्तर को उच्च बना सकें. इसी दिशा में यहाँ उनके द्वारा रचित साहित्य को आधुनिक डिजिटल फॉर्मेट में प्रस्तुत कीया जा रहा है| आप स्वयं इन ग्रंथों का लाभ लें एवं अन्य को भी अध्ययन की प्रेरणा करें| | ||
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<span>[[ | <span>[[ इष्टोपदेश प्रवचन | इष्टोपदेश प्रवचन]] </span> | ||
<span> [[अध्यात्म सहस्री प्रवचन | अध्यात्म सहस्री प्रवचन]] </span> | <span> [[अध्यात्म सहस्री प्रवचन | अध्यात्म सहस्री प्रवचन]] </span> | ||
<span> [[भक्ति प्रवचन]] </span> | |||
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<span> [[ | <span>[[सुख कहाँ |सुख कहाँ ]] </span> | ||
<span> [[ | <span>[[प्रवचनसार प्रवचन|प्रवचनसार प्रवचन]] </span> | ||
<span>[[समयसार प्रवचन|समयसार प्रवचन]] </span> | |||
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<span>[[सुख यहाँ |सुख यहाँ]] </span> | |||
<span> [[ | <span>[[वर्णीजी-प्रवचन:समाधितंत्र|समाधितंत्र]] </span> | ||
<span>[[अष्टपाहुड प्रवचन | अष्टपाहुड प्रवचन]] </span> | |||
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<span>[[आप्त परीक्षा प्रवचन | आप्त परीक्षा प्रवचन ]] </span> | |||
<span>[[आप्त मीमांसा प्रवचन | आप्त मीमांसा प्रवचन ]]</span> | |||
<span>[[ पंचाध्यायी प्रवचन | पंचाध्यायी प्रवचन]] </span> | |||
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<span> [[ परीक्षामुखसूत्र_प्रवचन | परीक्षामुखसूत्र प्रवचन]] </span> | |||
<span>[[परमात्मप्रकाश प्रवचन | परमात्मप्रकाश प्रवचन]] </span> | |||
<span>[[पुरुषार्थसिद्धिउपाय_प्रवचन | पुरुषार्थसिद्धिउपाय प्रवचन]] </span> | |||
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<span>[[समस्त्थान-सूर साथथम | समस्त्थान-सूर साथथम]] </span> | |||
<span>[[ सुभाषित रत्न संदोह प्रवचन | सुभाषित रत्न संदोह प्रवचन]] </span> | |||
<span>[[श्री सहजानन्द-डायरी | श्री सहजानन्द-डायरी]] </span> | |||
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<span> [[ आत्मानुशासन प्रवचन | आत्मानुशासन प्रवचन ]] </span> | |||
<span> [[ द्रव्य संग्रह | द्रव्य संग्रह ]] </span> | |||
<span> [[ सहजानंद वर्णीजी विविध प्रवचन | सहजानंद वर्णीजी विविध प्रवचन ]] </span> | |||
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<span> [[ पद्मनन्दिपंचविंशतिका प्रवचन | पद्मनन्दिपंचविंशतिका प्रवचन ]] </span> | |||
<span> [[ पात्रकेसरी प्रवचन | पात्रकेसरी प्रवचन ]] </span> | |||
<span> [[ अनुप्रेक्षा प्रवचन | अनुप्रेक्षा प्रवचन ]] </span> | |||
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Revision as of 21:42, 16 July 2021
अध्यात्मयोगी न्यायतीर्थ परम पूज्य श्री 105 क्षु. मनोहरजी वर्णी सहजानंद महाराज ने लगभग 500 ग्रंथो की रचना की| श्री सहजानंद शास्त्रमाला, प्रवचन प्रकाशनी संस्था की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई| उत्तर प्रांतीय गुरुकुल हस्तिनापुर की स्थापना व अन्य अनेक शिक्षण संस्थाओं के स्थापना के आप प्रणेता हैं. हमारा ये प्रयास है कि उनके द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने वाले अमर ग्रंथों को इन्टरनेट के माध्यम से सर्व समाज के लिए उपलब्ध कराएँ जिससे की सभी पाठक अपने जीवन स्तर को उच्च बना सकें. इसी दिशा में यहाँ उनके द्वारा रचित साहित्य को आधुनिक डिजिटल फॉर्मेट में प्रस्तुत कीया जा रहा है| आप स्वयं इन ग्रंथों का लाभ लें एवं अन्य को भी अध्ययन की प्रेरणा करें|