चेष्टा
From जैनकोष
न्या.द./भा./1-1/11/18 ईप्सितं जिहासितं वा अर्थमधिकृत्येप्साजिहासाप्रयुक्तस्य तदुपायानुष्ठानलक्षणसमोहा चेष्टा। =किसी वस्तु के लेने व छोड़ने की इच्छा से उस वस्तु में ग्रहण करने या छोड़ने के लिए जो उपाय किया जाता है उसको चेष्टा कहते हैं।