युक्त: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
mNo edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सर्वार्थसिद्धि/5/30/301/1 <span class="SanskritText"> समाधिवचनो वा युक्तशब्दः। युक्तः समाहितस्तदात्मक इत्यर्थः।</span> = <span class="HindiText">यह युक्त शब्द समाधिवाची है। भाव यह है कि युक्त, समाहित और तदात्मक ये तीनों एकार्थवाची शब्द हैं। </span></p> | <p><span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/5/30/301/1 </span><span class="SanskritText"> समाधिवचनो वा युक्तशब्दः। युक्तः समाहितस्तदात्मक इत्यर्थः।</span> = <span class="HindiText">यह युक्त शब्द समाधिवाची है। भाव यह है कि युक्त, समाहित और तदात्मक ये तीनों एकार्थवाची शब्द हैं। </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: य]] | [[Category: य]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 17:25, 22 October 2022
सर्वार्थसिद्धि/5/30/301/1 समाधिवचनो वा युक्तशब्दः। युक्तः समाहितस्तदात्मक इत्यर्थः। = यह युक्त शब्द समाधिवाची है। भाव यह है कि युक्त, समाहित और तदात्मक ये तीनों एकार्थवाची शब्द हैं।