लाटी संहिता: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
Jyoti Sethi (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText">षं. राजमल्लजी ने ई. 1584 में रचा था। यह श्रावकाचार विषयक ग्रंथ है। इसमें 7 सर्ग और कुल 1400 श्लोक हैं। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा /4/80)। | |||
[[लाट | | <noinclude> | ||
[[ लाट | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ल]] | [[ लाड़बागड़ संघ | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ल]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 17:06, 24 October 2022
षं. राजमल्लजी ने ई. 1584 में रचा था। यह श्रावकाचार विषयक ग्रंथ है। इसमें 7 सर्ग और कुल 1400 श्लोक हैं। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा /4/80)।