रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 120 - टीका हिंदी: Difference between revisions
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Latest revision as of 21:30, 2 November 2022
विशिष्ट धर्मानुराग से हर्षित मेंढक ने राजगृही नगरी में भव्य जीवों को यह बतलाया कि एक फूल से अर्हन्त भगवन्त के चरणों की पूजा करने वालों को क्या फल होता है । इसकी कथा इस प्रकार है --
मेंढक की कथा
यहाँ कथा टाइप करनी है।