रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 8 - उत्थानिका अर्थ: Difference between revisions
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Latest revision as of 21:30, 2 November 2022
सम्यग्दर्शन के विषयभूत आप्त का स्वरूप कहकर अब उसके विषयभूत आगम का स्वरूप कहने के लिए श्लोक कहते हैं --