लब्धि संवेग: Difference between revisions
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<p> <span class="GRef"> धवला 8/3,41/86/3 </span> <span class="PrakritText">सम्मदंसणणाणचरणेसु जीवस्स समागमो लद्धी णाम। हरिसो संतो संवेगो णाम। लद्धीए संवेगो लद्धिसंवेगो, तस्स संपण्णदा संपत्ती।</span> =<span class="HindiText">सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र में जो जीव का समागम होता है उसे लब्धि कहते हैं, और हर्ष व सात्त्विक भाव का नाम संवेग है। लब्धि से या लब्धि में संवेग का नाम लब्धि संवेग और उसकी संपन्नता का अर्थ संप्राप्ति है।<br/> | |||
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Latest revision as of 15:34, 14 November 2022
धवला 8/3,41/86/3 सम्मदंसणणाणचरणेसु जीवस्स समागमो लद्धी णाम। हरिसो संतो संवेगो णाम। लद्धीए संवेगो लद्धिसंवेगो, तस्स संपण्णदा संपत्ती। =सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र में जो जीव का समागम होता है उसे लब्धि कहते हैं, और हर्ष व सात्त्विक भाव का नाम संवेग है। लब्धि से या लब्धि में संवेग का नाम लब्धि संवेग और उसकी संपन्नता का अर्थ संप्राप्ति है।
अधिक जानकारी के लिए देखें संवेग - 2।