पर्यायवत्त्व: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p><span class="GRef"> राजवार्तिक/2/7/13/112/22 </span><span class="SanskritText">पर्यायवत्त्वमपि साधारणं सर्वद्रव्याणां प्रतिनियतापर्यायोत्पत्तेः। कर्मोदयाद्यपेक्षाभावात्तदपि पारिणामिकम्। </span>= <span class="HindiText">प्रतिनियत पर्यायों की उत्पत्ति होने से पर्यायवत्त्व भी सभी द्रव्यों में पाया जाता है। तथा कर्मोदय आदि की अपेक्षा का अभाव होने से यह भी पारिणामिक है। </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 16:44, 16 November 2022
राजवार्तिक/2/7/13/112/22 पर्यायवत्त्वमपि साधारणं सर्वद्रव्याणां प्रतिनियतापर्यायोत्पत्तेः। कर्मोदयाद्यपेक्षाभावात्तदपि पारिणामिकम्। = प्रतिनियत पर्यायों की उत्पत्ति होने से पर्यायवत्त्व भी सभी द्रव्यों में पाया जाता है। तथा कर्मोदय आदि की अपेक्षा का अभाव होने से यह भी पारिणामिक है।